आइसगेट इतिहास
भारतीय सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक आंकड़ा निकासी (ईडीआई) गेटवे। आइसगेट के नाम से जाना जाता है, इसकी स्थापना 2007 में हुई थी।
यह भारतीय सीमा शुल्क और व्यापारिक समुदाय के बीच सभी इलेक्ट्रॉनिक इंटरैक्शन के लिए एक केंद्रीकृत केंद्र के रूप में कार्य करता है
सेवाएं
आइसगेट व्यापारियों के लिए ई-फाइलिंग, ऑनलाइन संशोधन प्रस्तुतीकरण, ऑनलाइन शुल्क भुगतान, क्वेरी समाधान और एकमात्र एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) रिफंड प्रसंस्करण सहित कई सेवाएँ प्रदान करता है।









आगामी मॉड्यूल्स
- आईजीसीआर 2.0
- पीजीए के लिए एकीकृत एप्लिकेशन
- ईसीएल रिफंड
- पैन आधारित पंजीकरण
- ईसीएल 2.0 पर भुगतान समूहक
- स्वैच्छिक/स्वयं आरंभित भुगतान
- ई-बॉड
- ई-बैंक गारंटी
- प्रयोगकर्ताओं के लिए मोबाइल ऐप्स
- ओपन एपीआई बीई/एसबी फाइलिंग के लिए
- वेयरहाउस लाइसेंसिंग
- वेयरहाउस रिटर्न फाइलिंग
- वेयरहाउस वस्तु/माल आवाजाही
- अभिरक्षकों के साथ एपीआई का एकत्रीकरण
- डाक द्वारा निर्यातों के साथ एकत्रीकरण
- पुर्न आंकलन सीमा आंकलन तथा सीमा शुल्क रिफंड
विशेषताएँ
आइसगेट भारत में सामूहिक रूप से सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने हेतु अपने उपयोगकर्ताओं के लिए व्यापार गतिविधियों में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए कई सुविधाएं प्रदान करके सीमा पार व्यापार सुविधा को बढ़ाने में योगदान देता है।
- आइसगेट पंजीकरण
- बीओई/एसबीआई/आईजीएम/ईजीएम की फाइलिंग
- ई-संचित
- स्क्रिप जनरेशन / यूटिलाइजेशन / ट्रांसफर
- सेवा भुगतान
- आईजीएसटी रिफंड
- जीएसीटीआईएन एकत्रीकरण
- ईडीपीएमएस/आईडीपीएमएस
- परीक्षण की योजना
- बैंक खाता अद्यतन
- पूछताछ
- हैल्पडैस्क सुविधा 24x7
